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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 70: भगवान् कृष्ण की दैनिक चर्या
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श्लोक 16
श्लोक
10.70.16
ईक्षितोऽन्त:पुरस्त्रीणां सव्रीडप्रेमवीक्षितै: ।
कृच्छ्राद् विसृष्टो निरगाज्जातहासो हरन् मन: ॥ १६ ॥
अनुवाद
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महल की स्त्रियाँ कृष्ण जी पर मोहक प्यारी नज़रों से देखतीं, और वो मुश्किल से उनसे बच पाते। उसके बाद वो मुस्कराते हुए चेहरे से उनके मन को चुराते हुए चल देते।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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