श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 70: भगवान् कृष्ण की दैनिक चर्या  »  श्लोक 15
 
 
श्लोक  10.70.15 
 
 
गृहीत्वा पाणिना पाणी सारथेस्तमथारुहत् ।
सात्यक्युद्धवसंयुक्त: पूर्वाद्रिमिव भास्कर: ॥ १५ ॥
 
अनुवाद
 
  अपने सारथि के हाथ पकड़कर भगवान श्रीकृष्ण रथ पर बैठते और सात्यकि और उद्धव भी रथ पर बैठते। वह ठीक वैसे ही लग रहे थे जैसे सूरज पूर्व दिशा के पर्वत पर उदय हो रहा हो।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.