श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 70: भगवान् कृष्ण की दैनिक चर्या  »  श्लोक 14
 
 
श्लोक  10.70.14 
 
 
तावत् सूत उपानीय स्यन्दनं परमाद्भ‍ुतम् ।
सुग्रीवाद्यैर्हयैर्युक्तं प्रणम्यावस्थितोऽग्रत: ॥ १४ ॥
 
अनुवाद
 
  तब तक भगवान के सारथी ने उनके अत्यंत अद्भुत रथ को लाकर खड़ा कर दिया, जिसमें सुग्रीव और उनके अन्य घोड़े जुते हुए थे। उसके बाद उनके सारथी ने उन्हें नमस्कार किया और उनके सामने खड़े हो गए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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