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अध्याय 69: नारद मुनि द्वारा द्वारका में भगवान्
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श्लोक 42
श्लोक
10.69.42
कृष्णस्यानन्तवीर्यस्य योगमायामहोदयम् ।
मुहुर्दृष्ट्वा ऋषिरभूद् विस्मितो जातकौतुक: ॥ ४२ ॥
अनुवाद
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अनंत शक्ति के धनी भगवान कृष्ण के विस्तृत योग प्रदर्शन को बारंबार देखकर ऋषि आश्चर्यचकित और विस्मय से भर गये।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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