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अध्याय 69: नारद मुनि द्वारा द्वारका में भगवान्
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श्लोक 19
श्लोक
10.69.19
ततोऽन्यदाविशद् गेहं कृष्णपत्न्या: स नारद: ।
योगेश्वरेश्वरस्याङ्ग योगमायाविवित्सया ॥ १९ ॥
अनुवाद
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तब नारदजी श्रीकृष्ण के दूसरी पत्नी के भवन में गए। वे सर्व योगेश्वरों के अधिपति की आध्यात्मिक शक्ति के साक्षात दर्शन करने को उत्सुक थे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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