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श्लोक 10.68.54  |
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अद्यापि च पुरं ह्येतत् सूचयद् रामविक्रमम् ।
समुन्नतं दक्षिणतो गङ्गायामनुदृश्यते ॥ ५४ ॥ |
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अनुवाद |
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आज भी हस्तिनापुर शहर की दक्षिणी दिशा गंगा नदी के किनारे ऊंची है, जो भगवान बलराम के पराक्रम का प्रमाण है। |
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इस प्रकार श्रीमद् भागवतम के स्कन्ध दस के अंतर्गत अठासठ अध्याय समाप्त होता है । |
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