श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 68: साम्ब का विवाह  »  श्लोक 52
 
 
श्लोक  10.68.52 
 
 
प्रतिगृह्य तु तत्सर्वं भगवान् सात्वतर्षभ: ।
ससुत: सस्‍नुष: प्रायात् सुहृद्भ‍िरभिनन्दित: ॥ ५२ ॥
 
अनुवाद
 
  यादवों के शिरोमणि भगवान ने इन सभी उपहारों को स्वीकार किया और तत्पश्चात अपनी पुत्रवधू एवं पुत्र सहित वहाँ से प्रस्थान किया और उनके चाहने वालों ने उनकी विदाई की।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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