श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 68: साम्ब का विवाह  »  श्लोक 41
 
 
श्लोक  10.68.41 
 
 
लाङ्गलाग्रेण नगरमुद्विदार्य गजाह्वयम् ।
विचकर्ष स गङ्गायां प्रहरिष्यन्नमर्षित: ॥ ४१ ॥
 
अनुवाद
 
  भगवान् ने क्रोधित होकर अपने हल की नोक से हस्तिनापुर को उखाड़ लिया और पूरे नगर को गंगा नदी में फेंकने का विचार करके उसे घसीटने लगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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