श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 68: साम्ब का विवाह  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  10.68.22 
 
 
यद् यूयं बहवस्त्वेकं जित्वाधर्मेण धार्मिकम् ।
अबध्नीताथ तन्मृष्ये बन्धूनामैक्यकाम्यया ॥ २२ ॥
 
अनुवाद
 
  [राजा उग्रसेन ने कहा है] : यद्यपि तुम में से कई ने अधर्म करके एक ऐसे व्यक्ति को हराया है जो धर्म के मार्ग पर चलता है, फिर भी मैं अपनी पारिवारिक एकता के लिए यह सह रहा हूँ।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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