श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 68: साम्ब का विवाह  »  श्लोक 17
 
 
श्लोक  10.68.17 
 
 
सोऽभिवन्द्याम्बिकापुत्रं भीष्मं द्रोणं च बाह्लिकम् ।
दुर्योधनं च विधिवद् राममागतमब्रवीत् ॥ १७ ॥
 
अनुवाद
 
  अम्बिका-पुत्र (धृतराष्ट्र) और भीष्म, द्रोण, बाह्लिक और दुर्योधन को यथावत सम्मान देने के बाद उद्धव ने उन्हें बताया कि भगवान बलराम आ गये हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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