श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 67: बलराम द्वारा द्विविद वानर का वध  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  10.67.23 
 
 
ततोऽमुञ्चच्छिलावर्षं बलस्योपर्यमर्षित: ।
तत्सर्वं चूर्णयामास लीलया मुषलायुध: ॥ २३ ॥
 
अनुवाद
 
  तब क्रुद्ध बन्दर ने बलराम पर पत्थरों की वर्षा की परन्तु उस गदा चलाने वाले ने सहजता से उन सभी को तोड़ दिया।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.