श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 67: बलराम द्वारा द्विविद वानर का वध  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  10.67.16 
 
 
तं तस्याविनयं द‍ृष्ट्वा देशांश्च तदुपद्रुतान् ।
क्रुद्धो मुषलमादत्त हलं चारिजिघांसया ॥ १६ ॥
 
अनुवाद
 
  भगवान बलराम ने उस वानर की ठठोली को देख कर आसपास के राज्यों में उससे हुई विनाश लीला का ध्यान किया। इस प्रकार बलराम ने क्रोधित होकर अपने शत्रु को ख़त्म करने का निश्चय करके अपनी गदा और अपना हल उठा लिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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