उवाच दूतं भगवान् परिहासकथामनु ।
उत्स्रक्ष्ये मूढ चिह्नानि यैस्त्वमेवं विकत्थसे ॥ ८ ॥
अनुवाद
सभा के हास-व्यंग्य का आनंद लेने के बाद भगवान ने दूत को (अपने स्वामी को बताने के लिए) कहा, "अरे मूर्ख! मैं निश्चित रूप से उन हथियारों को फेंक दूंगा जिनके बारे में तुम इस तरह डींग मार रहे हो।"