अथाह पौण्ड्रकं शौरिर्भो भो पौण्ड्रक यद् भवान् ।
दूतवाक्येन मामाह तान्यस्त्रण्युत्सृजामि ते ॥ १९ ॥
अनुवाद
तब भगवान श्रीकृष्ण ने पौण्ड्रक को सम्बोधित करके कहा कि हे पौण्ड्रक! तूने अपने दूत के द्वारा जिन हथियारों के लिए कहा था, अब मैं उन्हीं हथियारों से तेरे ऊपर प्रहार कर रहा हूँ।