श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 66: पौण्ड्रक—छद्म वासुदेव  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  10.66.19 
 
 
अथाह पौण्ड्रकं शौरिर्भो भो पौण्ड्रक यद् भवान् ।
दूतवाक्येन मामाह तान्यस्‍त्रण्युत्सृजामि ते ॥ १९ ॥
 
अनुवाद
 
  तब भगवान श्रीकृष्ण ने पौण्ड्रक को सम्बोधित करके कहा कि हे पौण्ड्रक! तूने अपने दूत के द्वारा जिन हथियारों के लिए कहा था, अब मैं उन्हीं हथियारों से तेरे ऊपर प्रहार कर रहा हूँ।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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