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अध्याय 66: पौण्ड्रक—छद्म वासुदेव
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श्लोक 16
श्लोक
10.66.16
शूलैर्गदाभि: परिघै: शक्त्यृष्टिप्रासतोमरै: ।
असिभि: पट्टिशैर्बाणै: प्राहरन्नरयो हरिम् ॥ १६ ॥
अनुवाद
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भगवान् हरि के विरोधियों ने उन पर त्रिशूल, गदा, नेजे, भाले, ऋष्टियां, बरछियां, तोमर, तलवारें, कुल्हाड़ियां और बाणों से प्रहार किए।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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