श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 65: बलराम का वृन्दावन जाना  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  10.65.16 
 
 
सङ्कर्षणस्ता: कृष्णस्य सन्देशैर्हृदयंगमै: ।
सान्‍त्‍वयामास भगवान् नानानुनयकोविद: ॥ १६ ॥
 
अनुवाद
 
  सर्व को आकर्षित करने वाले भगवान बलराम ने, अनेक प्रकार से समझाने-बुझाने में निपुण होने के कारण, गोपियों को भगवान कृष्ण द्वारा उनके साथ भेजे गए गुह्य संदेश सुनाकर उन्हें ढाढ़स बंधाया। ये संदेश गोपियों के हृदय में गहराई तक उतर गए।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.