"हे दाशार्ह, हमने कृष्ण की खातिर अपनी माताओं, पिताओं, भाइयों, पतियों, पुत्रों और बहनों का भी त्याग कर दिया, यद्यपि इन पारिवारिक सम्बन्धों का परित्याग कर पाना बड़ा कठिन है। किन्तु हे प्रभु, अब वही कृष्ण अचानक हम सबों को छोड़कर हमारे साथ के सारे स्नेह बन्धनों को तोड़कर चले गए हैं। ऐसी स्थिति में कोई स्त्री उनके विश्वास पर भरोसा कैसे कर सकती है?"