वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
»
अध्याय 64: राजा नृग का उद्धार
»
श्लोक 22
श्लोक
10.64.22
एतस्मिन्नन्तरे यामैर्दूतैर्नीतो यमक्षयम् ।
यमेन पृष्टस्तत्राहं देवदेव जगत्पते ॥ २२ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
हे देवराज, हे ब्रह्मांड के स्वामी, अवसर का फ़ायदा उठाकर यमराज के दूत मुझे बाद में यमराज के निवास ले गए। वहाँ स्वयं यमराज ने मुझसे पूछा।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.