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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 63: बाणासुर और भगवान् कृष्ण का युद्ध
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श्लोक 20
श्लोक
10.63.20
तन्माता कोटरा नाम नग्ना मक्तशिरोरुहा ।
पुरोऽवतस्थे कृष्णस्य पुत्रप्राणरिरक्षया ॥ २० ॥
अनुवाद
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तभी बाणासुर की माता कोटरा अपने पुत्र के प्राण बचाने की इच्छा से बिना वस्त्र धारण किए और खुले बालों के रूप में भगवान् कृष्ण के समक्ष प्रकट हुई।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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