श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 63: बाणासुर और भगवान् कृष्ण का युद्ध  »  श्लोक 14
 
 
श्लोक  10.63.14 
 
 
मोहयित्वा तु गिरिशं जृम्भणास्‍त्रेण जृम्भितम् ।
बाणस्य पृतनां शौरिर्जघानासिगदेषुभि: ॥ १४ ॥
 
अनुवाद
 
  जृम्भणास्त्र से जम्हाई लेकर भगवान शिव को मोहित कर लेने के बाद कृष्णजी अपनी तलवार, गदा और बाणों से बाणासुर की सेना का संहार करने लगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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