चित्रलेखोवाच
व्यसनं तेऽपकर्षामि त्रिलोक्यां यदि भाव्यते ।
तमानेष्ये नरं यस्ते मनोहर्ता तमादिश ॥ १६ ॥
अनुवाद
चित्रलेखा बोली: मैं तुम्हारा दुःख दूर कर दूँगी। यदि तीनों लोकों में कहीं भी तुम्हारा भावी पति मिलेगा, तो मैं उसे जो तुम्हारा मन चुरा गया है, तुम्हारे पास ले आऊँगी। तुम बस मुझे बताओ कि वह कौन है।