श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 61: बलराम द्वारा रुक्मी का वध  »  श्लोक 40
 
 
श्लोक  10.61.40 
 
 
ततोऽनिरुद्धं सह सूर्यया वरं
रथं समारोप्य ययु: कुशस्थलीम् ।
रामादयो भोजकटाद् दशार्हा:
सिद्धाखिलार्था मधुसूदनाश्रया: ॥ ४० ॥
 
अनुवाद
 
  तत्पश्चात् बलराम आदि दशार्हों ने अनिरुद्ध और उसकी पत्नी को एक सुंदर रथ में बैठाया और भोजकट से द्वारका के लिए प्रस्थान कर लिए। भगवान् मधुसूदन की शरण लेने से उनके सभी उद्देश्य पूरे हो गए।
 
 
इस प्रकार श्रीमद् भागवतम के स्कन्ध दस के अंतर्गत इकसठ अध्याय समाप्त होता है ।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.