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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 61: बलराम द्वारा रुक्मी का वध
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श्लोक 36
श्लोक
10.61.36
रुक्मिणैवमधिक्षिप्तो राजभिश्चोपहासित: ।
क्रुद्ध: परिघमुद्यम्य जघ्ने तं नृम्णसंसदि ॥ ३६ ॥
अनुवाद
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अतः रुक्मी द्वारा अपमानित तथा राजाओं द्वारा उपहास किए जाने पर बलराम क्रोधित हो गए। उन्होंने शुभ विवाह के आयोजन में ही अपनी गदा उठाई और रुक्मी को मौत के घाट उतार दिया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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