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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 59: नरकासुर का वध
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श्लोक 4
श्लोक
10.59.4
गदया निर्बिभेदाद्रीन् शस्त्रदुर्गाणि सायकै: ।
चक्रेणाग्निं जलं वायुं मुरपाशांस्तथासिना ॥ ४ ॥
अनुवाद
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भगवान ने अपनी गदा से चट्टानों वाली किलेबंदी को तोड़ दिया, अपने तीरों से हथियारों वाली नाकेबंदी को पार कर लिया, अपने चक्र से अग्नि, जल और वायु की किलेबंदी को नष्ट कर दिया और अपनी तलवार से मुर-पाश के तारों को काट दिया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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