श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 59: नरकासुर का वध  »  श्लोक 12
 
 
श्लोक  10.59.12 
 
 
ताम्रोऽन्तरिक्ष: श्रवणो विभावसु-
र्वसुर्नभस्वानरुणश्च सप्तम: ।
पीठं पुरस्कृत्य चमूपतिं मृधे
भौमप्रयुक्ता निरगन् धृतायुधा: ॥ १२ ॥
 
अनुवाद
 
  भौमासुर के आदेश पर, उसके सातों पुत्र - ताम्र, अन्तरिक्ष, श्रवण, विभावसु, वसु, नभस्वान और अरुण - अपने हथियार धारण करके अपने सेनापति पीठ के पीछे-पीछे युद्ध-क्षेत्र में आ पहुँचे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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