वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
»
अध्याय 58: श्रीकृष्ण का पाँच राजकुमारियों से विवाह
»
श्लोक 12
श्लोक
10.58.12
इति वै वार्षिकान् मासान् राज्ञा सोऽभ्यर्थित: सुखम् ।
जनयन् नयनानन्दमिन्द्रप्रस्थौकसां विभु: ॥ १२ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
राजा द्वारा उनके साथ रहने का निवेदन किये जाने पर वर्षा ऋतु के महीनों में भगवान श्री कृष्ण नगरवासियों के नेत्रों को आनन्द प्रदान करते हुए इन्द्रप्रस्थ में सुखपूर्वक निवास करते रहे।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.