श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 56: स्यमन्तक मणि  »  श्लोक 44
 
 
श्लोक  10.56.44 
 
 
तां सत्यभामां भगवानुपयेमे यथाविधि ।
बहुभिर्याचितां शीलरूपौदार्यगुणान्विताम् ॥ ४४ ॥
 
अनुवाद
 
  भगवान ने वैदिक विधि से सत्यभामा के साथ विवाह किया। सत्यभामा उत्तम आचरण, सौन्दर्य, उदारता तथा अन्य सद्गुणों से सम्पन्न होने के कारण अनेकों के मनपसंद थी।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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