त्वं हि विश्वसृजां स्रष्टा सृष्टानामपि यच्च सत् ।
काल: कलयतामीश: पर आत्मा तथात्मनाम् ॥ २७ ॥
अनुवाद
आप ब्रह्मांड के सृष्टिकर्ताओं के परम निर्माता हैं और सभी बनाई गई वस्तुओं का मूल आधार हैं। आप सभी को वश में करने वालों के वशीभूतकर्ता हैं, सभी के ईश्वर और सभी आत्माओं की परम आत्मा हैं।