श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 56: स्यमन्तक मणि  »  श्लोक 26
 
 
श्लोक  10.56.26 
 
 
जाने त्वां सर्वभूतानां प्राण ओज: सहो बलम् ।
विष्णुं पुराणपुरुषं प्रभविष्णुमधीश्वरम् ॥ २६ ॥
 
अनुवाद
 
  [जाम्बवान ने कहा] : अब मुझे ज्ञात हो गया है कि आप सभी जीवों की प्राणवायु और ऐन्द्रिय, मानसिक और शारीरिक शक्ति हैं। आप आदि-पुरुष, परम पुरुष, सर्वशक्तिमान नियंता भगवान विष्णु हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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