श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 56: स्यमन्तक मणि  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  10.56.23 
 
 
द्वन्द्वयुद्धं सुतुमुलमुभयोर्विजिगीषतो: ।
आयुधाश्मद्रुमैर्दोर्भि: क्रव्यार्थे श्येनयोरिव ॥ २३ ॥
 
अनुवाद
 
  दोनों ने जीतने के इरादे से घोर संग्राम छेड़ दिया। पहले उन्होंने विभिन्न तरह के हथियारों से और फिर पत्थरों, वृक्ष की शाखाओं और अंत में अपनी नंगी बाहों से लड़ाई लड़ी। वे एक-दूसरे से ऐसे भिड़ रहे थे जैसे मांस के टुकड़े के लिए झपटे पड़े दो बाज।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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