श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 56: स्यमन्तक मणि  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  10.56.18 
 
 
हतं प्रसेनं अश्वं च वीक्ष्य केशरिणा वने ।
तं चाद्रिपृष्ठे निहतमृक्षेण दद‍ृशुर्जना: ॥ १८ ॥
 
अनुवाद
 
  जंगल में उन्हें प्रसेन को और उसके घोड़े को मरे हुए पाया गया, दोनों को सिंह ने मारा था। आगे चलकर उन्हें एक पहाड़ी के किनारे पर मरा हुआ सिंह मिला, जिसे ऋक्ष (जांबवान) ने मार डाला था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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