श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 56: स्यमन्तक मणि  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  10.56.16 
 
 
प्राय: कृष्णेन निहतो मणिग्रीवो वनं गत: ।
भ्राता ममेति तच्छ्रुत्वा कर्णे कर्णेऽजपन् जना: ॥ १६ ॥
 
अनुवाद
 
  उसने कहा: "संभव है कि कृष्ण ने मेरे भाई को मार डाला है क्योंकि वह अपने गले में मणि पहन कर जंगल गया था।" जब लोगों ने यह आरोप सुना तो वे आपस में कानाफूसी करने लगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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