श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 55: प्रद्युम्न-कथा  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  10.55.6 
 
 
द‍ृष्ट्वा तदुदरे बालं मायावत्यै न्यवेदयन् ।
नारदोऽकथयत् सर्वं तस्या: शङ्कितचेतस: ।
बालस्य तत्त्वमुत्पत्तिं मत्स्योदरनिवेशनम् ॥ ६ ॥
 
अनुवाद
 
  मछली के पेट में पुत्र देखकर रसोइये उसको लेकर मायावती के पास गए, जो देखकर आश्चर्य में पड़ गईं। तब नारद मुनि प्रकट हुए और उन्होंने मायावती को बालक के जन्म और मछली के पेट में कैसे प्रवेश हुआ इसकी पूरी कहानी सुनाई।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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