दुर्भगाया न मे धाता नानुकूलो महेश्वर: ।
देवी वा विमुखी गौरी रुद्राणी गिरिजा सती ॥ २५ ॥
अनुवाद
मैं अति दुर्भाग्यशाली हूँ क्योंकि सृष्टा विधाता मेरे अनुकूल नहीं है, न ही महेश्वर (शिवजी) हैं। अथवा शायद शिव-पत्नी देवी जो गौरी, रुद्राणी, गिरिजा तथा सती नाम से विख्यात हैं, मेरे विपरीत हो गई हैं।