श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 53: कृष्ण द्वारा रुक्मिणी का अपहरण  »  श्लोक 17
 
 
श्लोक  10.53.17 
 
 
तत्र शाल्वो जरासन्धो दन्तवक्रो विदूरथ: ।
आजग्मुश्चैद्यपक्षीया: पौण्ड्रकाद्या: सहस्रश: ॥ १७ ॥
 
अनुवाद
 
  शिशुपाल के समर्थक शाल्व, जरासंध, दंतवक्र और विदूरथ, ये सभी पौंड्रक और हज़ारों अन्य राजाओं के साथ आये।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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