वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् भागवतम
»
स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
»
अध्याय 53: कृष्ण द्वारा रुक्मिणी का अपहरण
»
श्लोक 15
श्लोक
10.53.15
मदच्युद्भिर्गजानीकै: स्यन्दनैर्हेममालिभि: ।
पत्त्यश्वसङ्कुलै: सैन्यै: परीत: कुण्डिनं ययौ ॥ १५ ॥
अनुवाद
play_arrowpause
राजा दमघोष ने हाथियों की सेना के साथ कुण्डिन की ओर प्रस्थान किया, जिनसे मद बह रहा था, साथ चल रहे रथ सुनहरी सांकलों से सजे थे, और घुड़सवारी और पैदल चलनेवाले सैनिकों की संख्या इतनी थी कि उनका हिसाब नहीं लगाया जा सकता था।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.