श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 53: कृष्ण द्वारा रुक्मिणी का अपहरण  »  श्लोक 15
 
 
श्लोक  10.53.15 
 
 
मदच्युद्भ‍िर्गजानीकै: स्यन्दनैर्हेममालिभि: ।
पत्त्यश्वसङ्कुलै: सैन्यै: परीत: कुण्डिनं ययौ ॥ १५ ॥
 
अनुवाद
 
  राजा दमघोष ने हाथियों की सेना के साथ कुण्डिन की ओर प्रस्थान किया, जिनसे मद बह रहा था, साथ चल रहे रथ सुनहरी सांकलों से सजे थे, और घुड़सवारी और पैदल चलनेवाले सैनिकों की संख्या इतनी थी कि उनका हिसाब नहीं लगाया जा सकता था।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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