श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 53: कृष्ण द्वारा रुक्मिणी का अपहरण  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  10.53.11 
 
 
सुस्‍नातां सुदतीं कन्यां कृतकौतुकमङ्गलाम् ।
आहतांशुकयुग्मेन भूषितां भूषणोत्तमै: ॥ ११ ॥
 
अनुवाद
 
  दुलहन ने अपने दांतों को साफ किया और स्नान कर लिया। उसके बाद उसने मांगलिक विवाह हार पहना। तत्पश्चात उसे सर्वोत्तम किस्म के नए वस्त्र धारण करवाए गए और बेहतरीन रत्नजड़ित गहनों से सजाया गया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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