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अध्याय 52: भगवान् कृष्ण के लिए रुक्मिणी-संदेश
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श्लोक 29
श्लोक
10.52.29
तं भुक्तवन्तं विश्रान्तमुपगम्य सतां गति: ।
पाणिनाभिमृशन् पादावव्यग्रस्तमपृच्छत ॥ २९ ॥
अनुवाद
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जब वह ब्राह्मण भोजन करके और विश्राम करके बैठ गया, तब साधु-भक्तों के प्रिय भगवान श्री कृष्ण उसके पास आए और अपने हाथों से उस ब्राह्मण के पाँव दबाते हुए बड़े ही धैर्य के साथ उससे इस प्रकार पूछा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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