श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 52: भगवान् कृष्ण के लिए रुक्मिणी-संदेश  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  10.52.19 
 
 
भगवन् श्रोतुमिच्छामि कृष्णस्यामिततेजस: ।
यथा मागधशाल्वादीन् जित्वा कन्यामुपाहरत् ॥ १९ ॥
 
अनुवाद
 
  प्रभु, मैं यह सुनना चाहता हूँ कि कैसे असीम बलशाली भगवान श्रीकृष्ण ने मागध और शाल्व जैसे राजाओं को परास्त करके अपनी प्रिया को अपने साथ ले गये।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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