श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 52: भगवान् कृष्ण के लिए रुक्मिणी-संदेश  »  श्लोक 15
 
 
श्लोक  10.52.15 
 
 
आनर्ताधिपति: श्रीमान् रैवतो रैवतीं सुताम् ।
ब्रह्मणा चोदित: प्रादाद् बलायेति पुरोदितम् ॥ १५ ॥
 
अनुवाद
 
  ब्रह्मा के निर्देश पर, आनर्त के धनवान राजा रैवत ने अपनी बेटी रैवती का विवाह बलराम से करवा दिया। इस बात का वर्णन पहले ही किया जा चुका है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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