श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 51: मुचुकुन्द का उद्धार  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  10.51.22 
 
 
यवने भस्मसान्नीते भगवान् सात्वतर्षभ: ।
आत्मानं दर्शयामास मुचुकुन्दाय धीमते ॥ २२ ॥
 
अनुवाद
 
  जब यवन राख हो गया तो सात्वतों के प्रभु भगवान ने उस बुद्धिमान मुचुकुंद के सामने स्वयं को प्रकट किया।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.