श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 50: कृष्ण द्वारा द्वारकापुरी की स्थापना  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  10.50.19 
 
 
श्रीभगवानुवाच
न वै शूरा विकत्थन्ते दर्शयन्त्येव पौरुषम् ।
न गृह्णीमो वचो राजन्नातुरस्य मुमूर्षत: ॥ १९ ॥
 
अनुवाद
 
  भगवान ने कहा: सच्चे वीर केवल डींग नहीं हाँकते बल्कि अपने कार्य से ही अपना पराक्रम दिखाते हैं। जो चिन्तित रहता हो और मरना चाहता हो, उसके शब्दों को हम गंभीरता से नहीं ले सकते।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.