श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 49: अक्रूर का हस्तिनापुर जाना  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  10.49.19 
 
 
अन्यथा त्वाचरँल्ल‍ोके गर्हितो यास्यसे तम: ।
तस्मात् समत्वे वर्तस्व पाण्डवेष्वात्मजेषु च ॥ १९ ॥
 
अनुवाद
 
  परंतु यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो लोग आपको इसी संसार में निंदा करेंगे और अगले जन्म में आपको नरक के अंधकार में जाना पड़ेगा। इसलिए आप पाण्डु के पुत्रों और अपने पुत्रों के प्रति एक जैसा व्यवहार करें।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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