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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 45: कृष्ण द्वारा अपने गुरु-पुत्र की रक्षा
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श्लोक 39
श्लोक
10.45.39
तमाह भगवानाशु गुरुपुत्र: प्रदीयताम् ।
योऽसाविह त्वया ग्रस्तो बालको महतोर्मिणा ॥ ३९ ॥
अनुवाद
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भगवान कृष्ण ने समुद्र के स्वामी से कहा, "मेरे गुरु के पुत्र को अभी हाजिर किया जाए, जिसे तुमने अपनी शक्तिशाली लहरों से यहाँ पकड़ के रखा है।"
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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