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श्रीमद् भागवतम
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स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ
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अध्याय 44: कंस वध
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श्लोक 35
श्लोक
10.44.35
तमाविशन्तमालोक्य मृत्युमात्मन आसनात् ।
मनस्वी सहसोत्थाय जगृहे सोऽसिचर्मणी ॥ ३५ ॥
अनुवाद
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मृत्यु के समान भगवान कृष्ण के आगमन को देखकर बुद्धिमान कंस तुरंत अपने सिंहासन से उठा और तलवार और ढाल लेकर खड़ा हो गया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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