फूलों की माला से प्रहार करने पर जिस प्रकार हाथी को कुछ नहीं होता, उसी प्रकार असुर के प्रचंड वारों से भी विचलित न होते हुए भगवान् कृष्ण ने चाणूर की भुजाओं को पकड़कर कई बार उसे घुमाया और उसे ज़ोर से पृथ्वी पर पटका। उसके कपड़े, बाल और माला बिखर गए और वह पहलवान पृथ्वी पर गिरकर मर गया, मानो कोई विशाल उत्सव-स्तंभ गिर पड़ा हो।