तैस्तैर्नियुद्धविधिभिर्विविधैरच्युतेतरौ ।
युयुधाते यथान्योन्यं तथैव बलमुष्टिकौ ॥ १९ ॥
अनुवाद
भगवान बलराम और मुष्टिक ने कुशलतापूर्वक अनेक कुश्ती शैलियों का प्रदर्शन करते हुए एक-दूसरे से ठीक उसी तरह युद्ध किया, जैसे भगवान कृष्ण और उनके प्रतिद्वंद्वी ने किया था।