श्रीमद् भागवतम  »  स्कन्ध 10: परम पुरुषार्थ  »  अध्याय 39: अक्रूर द्वारा दर्शन  »  श्लोक 8
 
 
श्लोक  10.39.8 
 
 
श्रीशुक उवाच
पृष्टो भगवता सर्वं वर्णयामास माधव: ।
वैरानुबन्धं यदुषु वसुदेववधोद्यमम् ॥ ८ ॥
 
अनुवाद
 
  शुकदेव गोस्वामी जी ने कहा : भगवान् जी के पूछने पर मधुवंशी अक्रूर ने सारी परिस्थिति कह सुनाई जिसमें यदुओं के प्रति कंस की शत्रुता और उसके द्वारा वसुदेव के वध की कोशिश शामिल थी।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.