अनेक बहुमूल्य रत्नों से सुशोभित मुकुट, कड़े और बाजूबंदों से सजे और करधनी, जनेऊ, वक्ष हार, नूपुर और कुंडल पहने प्रभु चमचमाती तेजोमयता से जगमगा रहे थे। एक हाथ में उन्होंने कमल का फूल धारण कर रखा था और बाकी हाथों में शंख, चक्र और गदा थी। उनके वक्षस्थल पर श्रीवत्स का चिह्न, चमकीला कौस्तुभ मणि और फूलों की माला शोभायमान थी।