यस्त्वं प्रदर्श्यासितकुन्तलावृतं
मुकुन्दवक्त्रं सुकपोलमुन्नसम् ।
शोकापनोदस्मितलेशसुन्दरं
करोषि पारोक्ष्यमसाधु ते कृतम् ॥ २० ॥
अनुवाद
श्याम घुँघराले बालों से घिरा और सुंदर गालों से युक्त, उठी हुई नाक और मुस्कुराहट से युक्त मुकुंद का चेहरा दिखाने के बाद, अब आप उसे हमसे छुपा रहे हैं। आपका यह व्यवहार बिलकुल भी अच्छा नहीं है।